मरीजों में 5 या ज्यादा लक्षण दिखें तो लंबे समय तक रह सकता है कोरोना का असर

मरीजों में 5 या ज्यादा लक्षण दिखें तो लंबे समय तक रह सकता है कोरोना का असर

सेहतराग टीम

हाल ही में किंग्स कॉलेज लंदन की रिसर्च में दावा किया गया है कि कोरोना संक्रमण के बाद अगर पहले हफ्ते में पांच या ज्यादा लक्षण दिखते हैं तो यह संकेत है कि मरीज पर लंबे समय तक कोरोना का असर रह सकता है। रिसर्च के अनुसार अगर संक्रमण के बाद पहले हफ्ते में थकान, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ, आवाज भारी होना, मांसपेशियों और शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं तो लॉन्ग कोविड का खतरा है।

किंग्स कॉलेज लंदन के अध्ययन के मुताबिक, 20 में से एक व्यक्ति 8 हफ्ते तक बीमार रहा है। इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि बिना लक्षण या फिर हल्के लक्षण वाले मरीजों में भी ठीक होने के बाद कोरोना के लक्षण पाए गए हैं, जो महीनों तक जारी रह सकते हैं। यह स्थिति लॉन्ग कोविड की है। किंग्स कॉलेज, लंदन द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों में कोरोना संक्रमण के पहले सप्ताह में पांच या अधिक लक्षण थे, उन्हें लॉन्ग कोविड होने का अधिक खतरा था। 

ब्रिटेन और स्वीडन के करीब चार हजार मरीजों पर हुए इस अध्ययन के मुताबिक, चार में से एक मरीज में कोरोना के साइड इफेक्ट देखे जा सकते हैं, जो रिकवरी के बाद भी हो सकते हैं। ये साइड इफेक्ट हल्के या मध्यम प्रकृति के या फिर न्यूरोलॉजिकल प्रभाव के रूप में हो सकते हैं।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों में कई महीनों तक कोरोना वायरस का असर दिख रहा है। लॉन्ग कोविड से जूझ रहे लोगों में थकान की शिकायत कॉमन है। वहीं इसके अन्य लक्षणों में सांस लेने में परेशानी, सिर दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, देखने-सुनने की समस्याएं, गंध और स्वाद महसूस करने की क्षमता का कम हो जाना आदि शामिल हैं। लॉन्ग कोविड से जूझ रहे लोगों में डिप्रेशन और एंग्जाइटी की समस्या भी दिखती है।

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कोरोना संक्रमण के बाद दिल, फेफड़ों, किडनी और लिवर को भी नुकसान होने की संभावना रहती है। लॉन्ग कोविड को लेकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च कहती है कि, कोरोना से रिकवरी के बाद भी मरीजों में समस्याएं बरकरार हैं। मरीजों के फेफड़े और दिल ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। 64 फीसदी मरीजों को सांस लेने में तकलीफ है, 26 फीसदी मरीजों को हार्ट संबंधी दिक्कतें होती हैं और 29 फीसदी को किडनी और 10 फीसदी को लिवर संबंधी समस्या होती हैं।

रिकवरी के बाद एक्टिविटी कंट्रोल में रखें

रिसर्चर कहते हैं, कोरोना से उबरने के बाद अगले कुछ हफ्तों तक अपनी एक्टिविटीज को कंट्रोल में रखें। यह थकावट की वजह बनती है और आने वाले समय में इसका बुरा देखने को मिल सकता है। खानपान में हेल्दी फूड लें। योगासन करें। दवाओं को समय पर लेना न भूलें।

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